राजस्थान के दो चचेरे भाइयों जुनैद और नासिर को कुछ लोगों ने जिंदा जला दिया था। राजस्थान पुलिस ने दावा किया है कि जिस गाड़ी में दोनों भाइयों को राजस्थान से भिवानी के लोहारू तक लाया गया, वह गाड़ी जींद की सोमनाथ गोशाला से बरामद हुई है। जब इस गाड़ी के बारे में पता किया तो यह गाड़ी जिला विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा के नाम आज भी ऑनलाइन दिखाई जा रही है।
दूसरी ओर, विभाग ने इस गाड़ी को 2020 में बालाजी ट्रेडिंग कंपनी के नाम 1.70 लाख रुपये में नीलाम कर दिया था। इसके बाद यह गाड़ी किसने खरीदी और इस समय इसका प्रयोग कौन कर रहा था, किसी को पता नहीं है।
सूत्रों के अनुसार यह गाड़ी गोशाला से जुड़ी किसी संस्था ने खरीदी थी, लेकिन अभी तक अपने नाम नहीं करवाई थी। यह गाड़ी जींद में कई बार देखी गई थी। इस गाड़ी से गोरक्षा दल के लोग आते-जाते रहते थे। रात को गोकसी के लिए ले जाई जा रही गायों को पकड़ने के लिए गोरक्षक इस गाड़ी का इस्तेमाल करते थे। सोमनाथ गोशाला के मैनेजर काकूराम ने कहा कि कई बार यह गाड़ी एक युवक यहां खड़ी कर जाता था।
उन्होंने कभी युवक से परिचय नहीं पूछा क्योंकि वह युवक गोरक्षा दल से ही जुड़ा हुआ था। अमरहेड़ी रोड स्थित गोसेवा धाम विकलांग गोशाला से भी इस गाड़ी का कनेक्शन है। यहां काम करने वाले युवक पप्पू ने भी पुलिस को इस गाड़ी के बारे में बताया है। इससे अधिक इस गाड़ी के बारे में कुछ नहीं पता। जो युवक इस गाड़ी को चलाता था, वह भी फरार है। हालांकि उस युवक का नाम अभी तक एफआईआर में नहीं आया है, लेकिन पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।
राजस्थान पुलिस ने जिन आठ लोगों के नाम व फोटो जारी किए हैं, उनमें सफीदों रोड जींद निवासी विकास है। विकास की तलाश व गाड़ी के बारे में पता करने के लिए राजस्थान पुलिस जींद में एक सप्ताह से डेरा जमाए हुए बैठी है, लेकिन अभी तक राजस्थान पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है। वहीं इसी स्कॉर्पियो का पुराना वीडियो भी सामने आ चुका है, जिसमें गोतस्करी के शक में गोरक्षक कुछ युवकों को पीट रहे हैं।
मामले की गहनता से जांच की जा रही है। गाड़ी मालिकों का पता लगाने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जल्द ही आरोपी काबू कर लिए जाएंगे। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले से पर्दा उठ पाएगा। -श्याम सिंह, एसपी भरतपुर, राजस्थान।
यह गाड़ी पूर्व के जिला परिषद के सीईओ की बताई जा रही है। इस बारे में मामला संज्ञान में आया था। फिलहाल यह पता नहीं कि इस गाड़ी का जो नंबर है, वह पहले भी यही था या नहीं। सोमवार को इसके बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। यदि खरीदने वाले लोगों ने यह गाड़ी अपने नाम नहीं करवाई है तो उनके नाम करवाई जाएगी। उनसे पहले के सीईओ के पास यह गाड़ी होगी। इस बारे में पता करवाया जाएगा। -विनेश कुमार, सीईओ, जिला परिषद, जींद