दंगे में बिखरा जनाधार, किसान आंदोलन से संभली पार्टी, MP-हरियाणा में रालोद को साथी की तलाश


दिल्ली. यूपी में अमूमन हर प्रमुख दलों से हाथ मिला चुका राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अब सपा संग ही आगामी चुनावों की रणनीति साधने में जुटा है, वहीं राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पर ही भरोसा जताया है. इसका ऐलान खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने दिल्ली में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में किया. वहीं जयंत अब अपने पिता और दादा की विरासत के विस्तार पर भी मंथन कर रहे हैं. इसके लिए वो पहले मध्यप्रदेश-हरियाणा में समान विचारधारा वाले साथी की तलाश में हैं.

दंगे में बिखरा जनाधार, किसान आंदोलन से संभली पार्टी, जानें कैसा रहा गठबंधन का असर

पश्चिमी यूपी के जाटलैंड में सियासी आधार माने जाने वाली रालोद एक लंबे दौर तक किंगमेकर की भूमिका अदा करती रही, वहीं मुजफ्फरनगर दंगे से पार्टी के जाट-मुस्लिम समीकरण बिगड़ गए. इस बीच क्षेत्र में जाटों के बीच भाजपा को बढ़त मिल गई. इसकी पुष्टि चुनावी परिणामों ने भी की, वहीं किसान आंदोलन ने एक बार फिर जाट-मुस्लिम करीब आए साथ ही रालोद ने सपा से गठबंधन कर चुनाव में उतरने का फैसला किया. 2022 विधानसभा चुनाव में 33 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से 8 पर जीत हासिल की. इसके अलावा खतौली उपचुनाव जीत कर कुल 9 विधायक हो गए. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के साथ मिलकर पार्टी ने दांव खेला था. रालोद के खाते में जाटों के दबदबे वाली बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा सीटें आईं, लेकिन तीनों पर गठबंधन को पराजय का सामना करना पड़ा था.

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)

उत्तर प्रदेश
दिल्ली-एनसीआर

उत्तर प्रदेश
दिल्ली-एनसीआर

राजस्थान

रालोद ने पिछला विधानसभा चुनाव राजस्थान में कांग्रेस के साथ गठबंधन में दो सीटों पर चुनाव लड़ा. इसमें भरतपुर में जीत हासिल की. यह सीट लगातार दो बार बीजेपी के पास रही थी, वहीं मालपुरा सीट पर रालोद दूसरे नंबर पर रही थी.

अब मध्य प्रदेश और हरियाणा पर नजर

रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि पार्टी दूसरे राज्यों में भी अपना विस्तार कर रही है. इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पदाधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं. अभी रालोद की नजर मध्य प्रदेश और हरियाणा में राजनीतिक साथी की तलाश में है. समान विचारधारा वाले दल के साथ गठबंधन किया जाएगा. मध्यप्रदेश में चौधरी अजीत सिंह के नेतृत्व में रालोद पहले भी वीपी सिंह और चंद्रशेखर के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुकी है. उधर चर्चा है कि रालोद मध्य प्रदेश में सपा-कांग्रेस के साथ मिलकर मैदान में उतर सकती है, वहीं हरियाणा में कांग्रेस को अपना साथी चुन सकती है.

Tags: Rld, UP politics



Source link