चंडीगढ़. शिक्षा निदेशालय हरियाणा की एक कार्रवाई से राज्य के सभी पेरेंट्स खफा हो गए हैं. अभिभावकों ने सरकार के इस कदम के बाद सांठगांठ के आरोप लगाए हैं. शिक्षा निदेशालय हरियाणा ने सभी प्राइवेट स्कूलों को पत्र भेजकर फॉर्म-6 पर आगामी शिक्षा सत्र में ली जाने वाली फीस, छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं, अध्यापकों को दी जाने वाली तनख्वाह आदि का ब्यौरा मांगा है. वहीं फार्म 6 के सभी कॉलम में ठीक से जानकारी भेजने की आखिरी तारीख 15 फरवरी रखी गई है. इस पर शिक्षकों का कहना है कि आधे से ज्यादा दाखिले जनवरी महीने तक हो गए हैं और फीस वसूल ली गई है जबकि सरकार स्कूलों से अब पूछ रही है कि कितनी फीस लोगे?
हरियाणा अभिभावक एकता मंच का आरोप है कि सभी प्राइवेट स्कूलों ने 1 अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले आगामी शिक्षा सत्र के लिए प्राथमिक कक्षाओं नर्सरी केजी एलकेजी व अन्य कक्षाओं के लिए नए दाखिले दिसंबर जनवरी महीने में ही कर लिए हैं और अभिभावकों से आगामी शिक्षा सत्र में अपनी मर्जी से बढ़ाई गई ट्यूशन, दाखिला फीस आदि चार महीने पहले ही एडवांस में वसूल ली है. ऐसे में शिक्षा निदेशक द्वारा फार्म 6 पर प्रस्तावित फीस व फंड्स का ब्यौरा मांगना छात्र व अभिभावकों की आंखों में धूल झोंकना है.
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा, प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि नियमानुसार फार्म-6 पर दी गई प्रस्तावित फीस व फंड्स के ब्योरे व अन्य सभी जानकारी की जांच पड़ताल करने के बाद शिक्षा निदेशक से मंजूरी मिलने के बाद ही स्कूल संचालक आगामी शिक्षा सत्र में फीस बढ़ा कर वसूल सकते हैं लेकिन स्कूल प्रबंधक पिछले कई शिक्षा सत्रों से इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं. संरक्षक सुभाष लांबा ने आरोप लगाया कि फार्म 6 सरकार द्वारा स्कूल संचालकों को फीस बढ़ाने का एक कानूनन लाइसेंस देना है. स्कूल वाले फार्म 6 पर कुछ भी लिख दें वही सही. न उसकी कोई जांच-पड़ताल, न स्कूलों का ऑडिट और न ही स्कूलों के खातों की जांच होती है.
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हरियाणा में 9880 प्राइवेट स्कूल..
प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व विधि सलाहकार एडवोकेट वीएस विरदी ने कहा है कि प्रदेश में कुल 9880 प्राइवेट स्कूल हैं. इनमें 3134 सीनियर सेकेंडरी, 2061 हाई, 3439 मिडिल और 1237 प्राइमरी स्कूल हैं. इन सभी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले निर्धारित तारीख तक निदेशालय को फार्म-6 भरकर देना होता है. इतना ही नहीं जो स्कूल तय तारीख तक फॉर्म-6 भरकर नहीं देता वह स्कूल अगले शैक्षणिक सत्र में फीस नहीं बड़ा सकता है. अधिकांश स्कूल फार्म 6 जमा कराते ही नहीं है जो कराते हैं उनमें अधूरी जानकारी होती है.
अभिभावक कई बार कर चुके हैं शिकायत
मंच ने स्कूलों के इन नियम विरुद्ध कार्यों की सबूत के साथ जानकारी कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री,शिक्षा सचिव, निदेशक यहां तक कि स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस व फंड्स को नियंत्रित व निगरानी करने के लिए प्रत्येक मंडल में मंडल कमिश्नर की अध्यक्षता में बनाई गई फीस एंड फंडस रेगुलेटरी कमेटी (एफएफआर सी) को दी है. इसके अलावा शिक्षा सचिव व चेयरमैन एफएफआरसी को स्कूलों की पिछले 5 साल की ऑडिट रिपोर्ट व बैलेंस शीट भी भेजी गई है जिनमें स्कूलों को लाभ में दिखाया गया है उसके बाद भी उन्होंने फीस बढ़ाई लेकिन मंच के पत्रों व सबूतों पर सरकार ने कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की.
हाईकोर्ट जाएंगे पेरेंट्स
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओ पी शर्मा ने कहा है कि सरकार द्वारा कार्रवाई न करने पर मंच अब दोषी स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ उचित कार्रवाई कराने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का सहारा लेगा. जिसमें शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक व चेयरमैन एफएफआरसी को भी पार्टी बनाया जाएगा. मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे एकजुट होकर स्कूलों की मनमानी व जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल संचालकों को दिए जा रहे संरक्षण के खिलाफ आवाज उठाएं.
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Tags: Education news, Haryana news
FIRST PUBLISHED : February 03, 2023, 12:52 IST