फर्जी शैल कंपनी बनाने के आरोप में हरियाणा के ADC धीरज गर्ग गिरफ्तार, वसूली के 200 करोड़ रुपये किए थे निवेश


फरीदाबाद. हरियाणा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त धीरज गर्ग को गिरफ्तार किया है. धीरज गर्ग को फरीदाबाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है.

आपराधिक मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो फरीदाबाद को जांच से पता चला कि विभाग के लोक सेवकों का एक गठजोड़ था, जिसमें कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे. उन्हें रैकेट को चालू रखने के लिए मासिक आधार पर मोटी रकम का भुगतान किया गया था. इस घोटाले के हिस्से के रूप में, ट्रांसपोर्टरों की एक पसंदीदा सूची ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के बीच सड़क के किनारे की जाँच के लिए परिचालित की गई थी, ताकि वे प्रतिफल के बदले आवश्यक कर भुगतान से बच सकें. बिचौलियों ने ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत के संग्रह में दलालों के रूप में काम किया और इसे लोक सेवकों को दे दिया.

हुआ यूं कि पलवल और फरीदाबाद के आबकारी एवं कराधान विभाग के लोक सेवकों के खिलाफ कुछ ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज करवाया था. इस मामले की जांच में तत्कालीन अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त धीरज गर्ग नाम का नाम भी सामने आया था. जांच में पता चला है कि उसने फर्जी पतों पर खोली गई कई शेल कंपनियों में अपनी अवैध संपत्ति छिपाई है और दिल्ली और हरियाणा के आसपास बेनामी नामों से संपत्तियां खरीदी हैं.

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200 करोड़ रुपये का निवेश किया

एसीबी की टीमों द्वारा 22 स्थानों पर की गई तलाशी में लोक सेवक धीरज गर्ग के कथित स्वामित्व वाली संपत्तियों और कंपनियों का पता चला है, जिसमें लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और उन्हें परिणामस्वरूप 46 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.  धीरज गर्ग से उनकी भूमिका के साथ-साथ अन्य लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों की भूमिका के लिए पूछताछ की जा रही है.

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