रोहतक बम ब्लास्ट: 26 साल पुराने केस में दाउद का खास अब्दुल करीम टुंडा बरी, जोधपुर जेल में है बंद


हाइलाइट्स

1997 में पानीपत में हुए बम ब्लास्ट मामले में भी अब्दुल करीम टुंडा पहले ही बरी हो चुका है
सोनीपत में हुए बम धमाकों में अब्दुल करीम टुंडा को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है
टुंडा के खिलाफ अदालत को सबूत नहीं मिल सके थे

रोहतक. 1997 में रोहतक में हुए दो बम धमाकों के मामले में रोहतक की अदालत ने सबूतों के अभाव में दाऊद इब्राहिम के कथित करीबी आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है. 1997 में पुरानी सब्जी मंडी तथा किला रोड लाल मस्जिद के बाहर बम धमाके हुए थे, जिसमें सात-आठ लोग घायल भी हुए थे. मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाई. आतंकी अब्दुल करीम टुंडा फिलहाल राजस्थान की अजमेर सेंट्रल जेल में बंद है.

1997 में पानीपत में हुए बम ब्लास्ट मामले में भी अब्दुल करीम टुंडा पहले ही बरी हो चुका है, जबकि 1996 में सोनीपत में हुए बम धमाकों में अब्दुल करीम टुंडा को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. बता दें कि 22 जनवरी 1997 को पुरानी सब्जी मंडी तथा किला रोड लाल मस्जिद के पास दो बम धमाके हुए थे जिसमें सात-आठ लोग घायल हुए थे. इस मामले में एफआईआर नंबर 70 और 71 दर्ज की गई थी. 70 नंबर एफआईआर में कुल 42 गवाह थे, जिसमें केस के दौरान 34 गवाह कोर्ट के सामने पेश हुए वहीं 71 नंबर एफआईआर में कुल 38 गवाह थे, जिसमें से 18 कोर्ट के सामने पेश हुए.

2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार हुए अब्दुल करीम टुंडा को रोहतक पुलिस ने दिल्ली पुलिस से प्रोडक्शन वारंट पर लिया था और तभी से अदालत में इस मामले में सुनवाई चल रही थी. अब्दुल करीम टुंडा फिलहाल राजस्थान की अजमेर सेंट्रल जेल में बंद है. इसके अलावा सोनीपत शहर में 28 दिसंबर 1996 को दो स्थानों पर बम ब्लास्ट हुए थे. उस दिन शाम सवा 5 बजे पहला धमाका बस स्टैंड के पास बावा सिनेमा हॉल में हुआ था. महज इसके 10 मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के बाहर हुआ था.

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धमाके में करीब 10 से 12 लोग घायल हुए थे जिसमें अब्दुल करीम टुंडा को 2017 में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है, वहीं एक फरवरी 1997 की शाम पानीपत लगभग 5 बजे रोडवेज बस स्टैंड के पास एक निजी बस में ब्लास्ट हुआ था. विस्फोट में गांव कालखा निवारी धर्मा के 10 वर्षीय पुत्र माडू समेत 20 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे. अस्पताल में उपचार के दौरान माडू ने दम तोड दिया था. 2016 में पानीपत अदालत ने इस मामले में अब्दुल करीम टुंडा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. आरोपी अब्दुल करीम टुंडा के वकील विनीत वर्मा ने बताया कि रोहतक पुलिस, एसआईटी और सीबीआई टुंडा के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाई, जिसके चलते कोर्ट ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

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