सोनीपत पुलिस।
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सोनी आधारपत सिटीजन अस्पताल में अनुबंध पर वैध चिकित्सक को विदेश समझौते के नाम पर उनके वकील दादा से साढ़े 19 लाख रुपये ऐंठ के लिए गए। कोरोना काल से पहले रुपए लेने के बाद भी जब पोते को विदेश नहीं भेजा गया तो वयोवृद्ध वकील ने रुपये वापस मांगे। जिस पर रुपये देने की धमकी दी गई। इस वकील ने वरिष्ठ एसपी कार्यालय में शिकायत की। जिसके बाद अब सिविल लाइन थाना पुलिस ने शिकायत की। पुलिस ने धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज किया है।
मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के चिकित्सा केंद्र में सन डॉ. रविचंद्र दहिया के साथ रहने वाले वकील नफे सिंह दहिया से पोते को विदेश प्रस्ताव के नाम पर 19 लाख रुपये ऐंठ के लिए गए। सिविल लाइन थाना पुलिस की शिकायत में वकील ने बताया कि उनका बेटा डॉ. रविचंद्र दहिया मुरथल विवि पुत्रवधू डॉ. गीता दहिया सिटीजन हॉस्पिटल में डॉक्टर हैं। उनके पौत्र डॉ. पार्थ दहिया भी वर्ष 2019 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद नागरिक अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर (अनुबंध आधार) के तौर पर प्रतिबंधित हैं। दिसंबर 2019 में उन्हें पता चला कि दिल्ली के निवासी छत आनंद दिल्ली के जनकपुरी में स्प्रिंग स्टॉप प्राइवेट लिमिटेड के नाम से इंग्लैंड और अन्य देशों में युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए नियुक्त किया है। वह भी अपने पोते डॉ. पार्थ को विदेश चाहते थे। इसके लिए उन्होंने मात्रा में आनंद से संपर्क किया। मिलने के दौरान उन्होंने अपने पोते डॉ. पार्थ को लंदन में मेडिसिन के क्षेत्र में अच्छे विश्वविद्यालय में नौकरी देंगे और उन्हें रेजिडेंसी वीजा भी मिलेगा।
इसके बाद मंदी ने उन्हें दिल्ली की पारुल बसल से भी मिलवाया था। दोनों ने अपने पोते को लंदन जलाने के लिए 30 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद कम मात्रा में आनंद सोनीपत उनसे मिला और कागज आदि तैयार करने के नाम पर 2 लाख रुपये और उनके पोते के कुछ दस्तावेज आदि लेकर चला गया। बाद में दशक ने विश्वविद्यालय का सब्सक्राइबर, वीजा सब्सक्राइबर के लिए रुपये मांगे। इसके बाद उन्होंने 3 जनवरी 2020 को पारुल बसल के क्षेत्रों बैंक शाखाओं के दावों में अपने मॉडल टाउन सोनीपत स्थित बैंक से 12 लाख 50 हजार रुपये भेजे। इसके बाद 5 लाख रुपये 2 मार्च 2020 को घटाप आनंद के खाते में भेजे गए। बाद में पारुल बसंल ने 17 फरवरी 2020 को उनके खाते में साढ़े 4 लाख रुपये वापस भेजे। हालांकि बाद में मंदी सिंह ने बाद में यह राशि कैश लेकर चली गई। उसके बाद उन्होंने और नशा करने की मांग की। जिस पर उन्होंने पोतों को विदेश आवेदन के लिए की गई कार्रवाई की जानकारी दी तो बोले के देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया। वॉल्यूम लॉकडाउन का घुलना बनाना। बाद में लॉकडाउन की समाप्ति के बाद भी पोते डॉ. पार्थ को इंग्लैंड के नाम पर कोई संक्षिप्त उत्तर नहीं दिया। न ही कोई दस्तावेज दिखाते हैं और न ही उस विश्वविद्यालय की जानकारी दी जाती है जहां कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने अपने पुत्रों को पता लगाया कि उन्होंने अपने स्तर पर जांच की। जिस पर पता चलता है कि मात्राप आनंद पहले भी लोगों को ठगने का कार्य करता है। उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस अपराध शाखा में विमान प्राधिकरण ने 120 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रखा है। जिस पर अब सिविल लाइन थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।