फोटो 35: केएमपी के पिपली टोल प्लाजा के पास धरनास्थल पर किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता
खरखौदा। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को लेकर अधिगृहीत जमीन का कमोडोर मिलें के खिलाफ क्षेत्र के किसान 28 फरवरी को एसडीएम कार्यालय का ट्रैक्टर लेकर शिकायत करेंगे। रविवार को पिपली टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने पर पंचायत ने यह फैसला सुनाया। निर्णय शनिवार की रात संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के नेताओं की रूपरेखा बैठक में लिया गया।
पंचायत में पंजाब से पहुंचे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि सरकार चाहती है कि खेती करने वालों की जमीन चिपकी हुई घरों के बारे में बताएगी। सरकार किसानों को जमीन के मालिक से मजदूर बनाने की साजिश रच चुकी है, लेकिन वह बताना चाहते हैं कि किसान जल्द ही अपनी जमीन बचाने के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे। वे धरना दे रहे किसानों को भी शांति से संघर्ष करते हुए रहने की अपील करते हैं।
दल्लेवाल ने कहा कि वर्ष 1951 के कानून में संशोधन करते हुए किसानों को अदालत में अपनी मांग तक बनाए रखने के अधिकार से विख्यात कर दिया गया। जिसका खमियाजा किसानों को हाल ही में उठाना पड़ रहा है। कानून में संशोधन वापसी की लड़ाई को भी संयुक्त किसान मोर्चा तेज करेगा। उन्होंने कहा कि 2024 चुनाव का साल है, जो नेता भिखारी बनकर झोली में आते हैं वोट फोटो आते हैं, लेकिन वे हारने का काम करते हैं। उन्होंने 28 फरवरी को उपमंडल कार्यालय, खरखौदा का घोर अपमान करने के दौरान पंजाब से भी किसानों के पहुंचने की बात कही। दल्लेवाल ने कहा कि अगर सरकार किसानों के साथ कोई हरकत करती है तो सारा पंजाब यहां पर आकर खड़ा हो जाएगा।
भारतीय किसान नौजवान यूनियन के अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि यह जमीन को बचाने की लड़ाई है। सरकार को वह बताना चाहते हैं कि जब तक केएमपी को राष्ट्रीय राजमार्ग का स्तर देने के साथ ही कलेक्टर रेटिंग का चार त्रिकोण नहीं मिल जाता है, तब तक वह अपने धरने को खत्म नहीं करेगा। सभी किसान एकजुट होकर अपना संघर्ष जारी रखें। वह एक दिन भी आता है जब किसान मांग को लेकर वरीयता को लेकर सरकार को झिझकते हैं। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को उपमंडल कार्यालय का घिनौना काम होगा, अगर सरकार ने कोई जबरदस्ती की तो अन्य जगहों पर चल रहे धरना स्थानों से तुरंत प्रभाव से लोग लक्ष्य पर पहुंचेंगे। उन्होंने सभी किसानों से 28 फरवरी को ट्रैक्टरों के साथ खरखौदा पहुंचने की अपील की। कौन से दस बजे सांपला चौक पर एकत्रित होकर खरखौदा शहर के बीच से होते हुए उपमंडल कार्यालय का घिनौना काम करेगा।
55 किसानों ने उठाया 20 करोड़ रुपये
कानूनगो रणबीर सिंह ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के बाद से अब तक करीब 55 किसान 20 करोड़ रुपये उठा चुके हैं। जिन किसानों ने अपना दस्तावेज़ जमा किया है, उनके बैंक खाते से पैसे कैसे भेजे जा रहे हैं। 100 से अधिक किसान अपने दस्तावेज़ दस्तावेज़ राशि प्राप्त करने के लिए सागर करवा रहे हैं।
हमारी बड़ी है, किसानों को लदान फ्लेक्सोज़ाइंड नहीं, बल्कि सबसे पहले केएमपी एक्सप्रेस को राष्ट्रीय राजमार्ग की लड़ाई के लिए दिया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग का स्तर मिलने पर ही कलेक्टर रेट का चार व्यूहृय। जब तक सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं तब तक करती रहेगी धारण को जारी रखा जाएगा। -अभिमन्यु कोहाड़, अध्यक्ष भारतीय नौजवान किसान संघ
किसान जमीन का स्वतंत्रता की बजाय जमीन की लड़ाई लड़ेंगे। सरकार की नजर किसानों पर है। बंधुआ घरों को जमीन देकर उस पर हम ही मजदूर करना चाहते हैं। इसके पीछे फंसाने का उद्देश्य है, जिसमें किसानों को फंसाया जा रहा है। इस लिए मिलकर शांतिपूर्वक संघर्ष करना होगा। किसानों की जमीन पर चले जाने पर कुछ नहीं बचेगा, इस पर ग्रेविटास से विचार करने की जरूरत है। -जगजीत सिंह दल्लेवाल, किसान नेता
फोटो 35: केएमपी के पिपली टोल प्लाजा के पास धरनास्थल पर किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता
फोटो 35: केएमपी के पिपली टोल प्लाजा के पास धरनास्थल पर किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता
फोटो 35: केएमपी के पिपली टोल प्लाजा के पास धरनास्थल पर किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता