
(सांकेतिक तस्वीर)
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विस्तार
बजट में युवाओं को अहम स्थान दिया गया है। बेरोजागारी से जुझ रहे हरियाणा के युवाओं को इस साल ग्रुप सी और डी की 65 हजार नौकरियां का वादा किया गया है। साथ ही 2 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। बाकायदा इसके लिए अलग से 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, उद्योगों के लिए कोई बड़ी घोषणा बजट में नहीं है। हालांकि, भविष्य के लिए जरूर कुछ योजनाएं जरूर रखी गई हैं। 50 राजकीय स्कूलों और पॉलिटेकिनक में कौशल स्कूल शुरू किए जाएंगे।
6 लाख रुपये से कम आय वाले परिवार के युवाओं के फारेन लैंग्वेज सर्टिफिकेशन टेस्ट का खर्च सरकार उठाएगी। वहीं, बेटियों के लिए 3 लाख से कम आय वाले परिवारों की लड़कियों को आईटीआई में दाखिले पर 2500 रुपये सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, हर साल पांच हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए श्री विशवकर्मा कौशल विशवविद्यालय में कौशल केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री कौशल मित्र फैलोशिप योजना भी शुरू की जाएगी। युवाओं के लिए स्टार्ट अप स्थापित करने के लिए वेंचर कैपिनट फंड स्थापित किया जाएगा।
उद्योग : नई घोषणाएं, ढांचा सुधार की नहीं हुई बात
बजट में उद्योंगो के लिए कई योजनाएं है, लेकिन उद्योगों को फौरी तौर पर कोई राहत नहीं मिली है। अनुसूचित जाति के उद्यमियों को सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए भूमि मूल्य में 20 प्रतिशत तक छूट देने का प्रावधान किया है। अंबाला और गुरुग्राम में डेटा सेंटर पार्क स्थापित करने के लिए सबसिडी, सबवेंशन और स्टाफ ड्यूटी में छूट दी जाएगी। फरीदाबाद और पानीपत में विशवस्तरीय प्रदर्शनी सह व्यापाक केंद्र स्थापित होंगे। हिसार, अंबाला, महेंद्रगढ़ में मल्टी माडल लाजिस्टिक्स पार्क स्थापित होंगे।
हालांकि, बजट में औद्योगिक क्षेत्रों के ढांचागत सुधार को लेकर कोई योजना नहीं है। इस समय औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कें टूटी हुई हैं और बिजली और पानी के लिए उद्योगतियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। कोरोना के बाद उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है।
बजट संतुलित है, कौशलता पर जोर दिया गया है। यह बहुत दूरदर्शी और गहरी सोच है। यह उद्योगों के लिए काफी राहत की बात है, क्योंकि कौशल कर्मी होगा तो इसका सभी को लाभ होगा। एमएमएमई के माॅडर्नाइजेशन और विकास के लिए फंड रखने का वादा किया गया है, इसे जल्दी किया जाए। साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में ढांचा सुधार के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए। अगर ढांचा ठीक होगा तो उद्योग ही सरकार को राजस्व देंगे। – रजनीश गर्ग, राज्य प्रधान, हरियाणा चैंबर्स आफ कामर्स।
उद्योगों की ये उम्मीदें नहीं हुई पूरी
उद्यमियों को बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन बजट में उम्मीदें कहीं नहीं दिखी। उद्योगों के लिए विशेष पैकेज मांगा गया था। साथ ही पहले से बसाए गए औद्योगिक क्षेत्रों के हालात सुधारने की कोई योजना नहीं है। इसके अलावा, सिंगल विंडो सिस्टम को केंद्र की वेबसाइट से जोड़ने की मांग थी, साथ ही इसे और प्रभावी बनाना था, लेकिन ऐसी कोई घोषणा बजट में नहीं हुई है
उद्योग
- उद्योंगों के लिए बजट में प्लग एंड प्ले सुविधाओं से लैस फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स विकसित होंगे।
- अनुसूचित जाति के उद्यमियों को सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए भूमि मूल्य में 20 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी।
- अंबाला और गुरुग्राम में डेटा सेंटर पार्क स्थापित होंगे। इसके लिए सबसिडी, सबवेंशन और स्टाफ ड्यूटी में छूट दी जाएगी।
- फरीदाबाद और पानीपत में विशवस्तरीय प्रदर्शनी सह व्यापाक केंद्र स्थापित होंगे
- हिसार, अंबाला, महेंद्रगढ़ में मल्टी माडल लाजिस्टिक्स पार्क स्थापित होंगे