
हरियाणा बजट सत्र।
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पंचायतों में ई-टेंडरिंग को लेकर प्रदेशभर में चल रहे आंदोलन के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि पंचायतों में ई-टेंडरिंग जारी रहेगी और सरकार में इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। सीएम मनोहर लाल ने कड़े शब्दों में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका जुनून जारी है और इसके लिए लड़ाई जारी रहेगी। हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक तकनीक का इस्तेमाल कर मानव का दखल कम किया जाए। इसी दिशा में पंचायतों में ई-टेंडरिंग शुरू की गई है। इसमें न तो प्रतिनिधि की चलेगी और न ही अधिकारी की, केवल सिस्टम (पोर्टल) काम करेगा। मनोहर लाल ने कहा कि ई टेंडरिंग लागू होने के बाद 3254 ग्राम पंचायतों के 2 लाख रुपये तक लगभग 2890 काम शुरू हैं। 2 लाख से ऊपर के काम के लिए 3297 प्रस्ताव आए हैं। साथ ही 600 से ज्यादा ठेकेदारों ने इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
सीएम ने माना पहले होती थी गड़बड़, 500 टेंडरों का भुगतान रोका
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के गठजोड़ में अधिकारी, कर्मचारी, नेता और जनता के लोग शामिल होते हैं। सरकार ने इसको तोड़ने का काम किया है। पिछले दिनों सरकार ने जांच कराई तो 500 ऐसे टेंडर मिले हैं, जिनमें 10 प्रतिशत से अधिक की राशि बाद में बढ़ाई गई है। 10 प्रतिशत से नीचे वालों को सरकार ने छोड़ दिया, जबकि इन 500 टेंडरों की पेमेंट रोक ली है। इनमें एचएसवीपी, शहरी स्थानीय निकाय, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभाग शामिल हैं। सचिव स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे, अगर कहीं गड़बड़ी मिली तो चाहे अधिकारी हो या कोई और उसे जेल में डालेंगे।
क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी बनाकर क्वालिटी सुनिश्चित की
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और क्वालिटी को लेकर सवाल उठते हैं। इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी बनाई जाए। जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी होगी। इस अथॉरिटी द्वारा निर्माण कार्यां की जांच की जाएगी और इनके संतुष्टि प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही एजेंसी को भुगतान किया जाएगा।