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पंजाब में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों को देखते हुए हरियाणा सतर्क हो गया है। सरकार को खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिला है कि पिछले कुछ माह में हरियाणा में भी खालिस्तानियों की सक्रियता बढ़ी है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा सरकार ने खालिस्तानियों से निपटने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है।
एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी) और हरियाणा की खुफिया एजेंसियां इनपुट दे चुकी हैं कि पड़ोसी राज्य पंजाब के कारण हरियाणा में भी खालिस्तानी समर्थक बढ़ रहे हैं। इसलिए पंजाब से लगते हरियाणा के सात जिलों पंचूकला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद और सिरसा शामिल पर विशेष फोकस किया जाएगा। इन सातों जिलों के 24 थानों की सीमा पंजाब से लगती है। इनमें सबसे ज्यादा अंबाला, फतेहाबाद और सिरसा के 5-5, पंचकूला के 4 थाने हैं।
हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार इन 24 थानों को हाईटेक बनाएगी, यहां पुलिस कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी, आधुनिक हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट दिए जाएंगे। पुलिस को ड्रोन गिराने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन थानों में पीसीआर की संख्या बढ़ाई जाएगी, चहारदीवारी को ऊंचा व तारबंदी की जाएगी। संदिग्ध युवाओं की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
पंजाब में कई वारदात में शामिल रहे हरियाणा के युवा
एक साल में पंजाब में हुई बड़ी वारदात में हरियाणा के युवक शामिल रहे हैं। इनमें सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड, मोहाली खुफिया विभाग के आफिस पर राकेट लांचर हमला, डेरा प्रेमी प्रदीप हत्याकांड प्रमुख हैं। एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तानी आतंकियों का गैंगस्टर्स के साथ गठजोड़ सामने आ चुका है।