
पत्रकार दीपक चौरसिया।
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गुरुग्राम के पालम विहार में 20 मार्च 2015 को दर्ज आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट की एफआईआर में गुरुग्राम की अदालत में पेश न होने चलते जमानत रद्द करने के आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने उन्हें तीन मार्च को जिला अदालत में पेश होकर दो लाख रुपये के बेल बॉन्ड भरने का आदेश दिया।
दीपक चौरसिया ने याचिका दाखिल करते हुए गुरुग्राम जिला अदालत के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है जिसके तहत उनके बेल बॉन्ड रद्द किए गए हैं। याची ने बताया कि 2 जुलाई 2013 को शिकायतकर्ता के घर आसाराम बापू आए थे। इस दौरान घर में कार्यक्रम का वीडियो भी बनाया गया था। शिकायतकर्ता ने उसके घर के कार्यक्रम की वीडियो को एडिट कर आसाराम बापू की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए याची के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी।
शिकायत के अनुसार इन वीडियो को एडिट कर ब्रॉडकास्ट किया गया था। पुलिस ने इस मामले में जांच आगे बढ़ाई और कई बार एसआईटी बदली गई। इस मामले में दर्ज एफआईआर को कानून का दुरुपयोग बताया है। याचिकाकर्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का इंटरव्यू होने के चलते वह वह अदालत में पेश नहीं हो सके थे, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया गया।
याची ने हाईकोर्ट से अपील की है कि उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए याची को 3 मार्च तक ट्रायल कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। साथ ही दो लाख रुपये का बेल बॉन्ड गरीब मरीज राहत कोष में जमा कराने का आदेश दिया है।