
तेंदुआ
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हरियाणा के पंचकूला में तेंदुए का आतंक कहर ढा रहा है। पिछले चार साल के भीतर तेंदुआ 55 जानवरों को मार चुका है। प्रदेश सरकार का दावा है कि तेंदुआ आवासीय क्षेत्रों में न आए इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं लेकिन पंचकूला जिले में पिछले लंबे समय से तेंदुआ आने की घटनाएं सामने आती रही हैं। मोरनी क्षेत्र के जंगलों में बसे गावों में जहां तेंदुआ पालतू जानवरों को शिकार कर चुका है, वहीं कुछ समय पहले पंचकूला शहर में भी तेंदुआ दिखाई दिया था। कालका के विधायक प्रदीप चौधरी ने हरियाणा विधानसभा में बुधवार को यह मुद्दा उठाया।
जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि पंचकूला में तेंदुआ अक्सर पालतू जानवरों को अपना शिकार बना रहा है। सरकार के मुताबिक पंचकूला जिले के अमबुआ, भोजकोटी, ठंठोग, बरूण, भोज नग्गल, चपलाना भोजकोटी, बरोटीवाला टिक्कर हिल्स आदि गावों में पालतू जानवर तेंदुए का शिकार बने हैं।
हरियाणा के वन एवं वन्य जीव मंत्री कंवरपाल के अनुसार पिछले चार वर्षों के भीतर तेंदुआ 55 जानवरों को निगल चुका है। जिनमें से 19 लोगों को उनके मारे गए पालतू पशुओं का मुआवजा दिया जा चुका है जबकि 36 शिकायतों पर अभी कार्रवाई की जा रही है।
कंवरपाल के अनुसार तेंदुए का शिकार होने वाली गाय के मालिक को 12 हजार रुपये, बकरी की मौत पर 3500 रुपये, बछड़ी की मौत पर छह हजार रुपये, कटड़ी की मौत पर सात हजार रुपये और भैंस की मौत पर तीस हजार रुपये प्रति जानवर की दर से मुआवजा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक एक लाख 88 हजार की राशि मुआवजे के तौर पर दी गई है।