
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग।
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2018 की कांस्टेबल भर्ती मामले में रिकॉर्ड पेश करने में देरी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन व सचिव को खुद हाजिर होकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ताओं ने कांस्टेबल पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
याचिका में बताया गया कि उन्हें माता-पिता की मृत्यु के आधार पर मिलने वाले अतिरिक्त पांच अंकों के लाभ से वंचित कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं के अनुसार वह इन पांच अंकों के लिए पात्र भी थे लेकिन पिक एंड चूज की नीति अपनाते हुए आयोग ने यह निर्णय लिया है। ऑनलाइन आवेदन देने के बारे में विवरण में यह जानकारी नहीं थी कि माता और पिता दोनों की मृत्यु का विवरण पेश करना अनिवार्य है।
याची के अनुसार केवल पिता की मृत्यु का विवरण पेश करने को कहा गया था। इसके बाद याचिकाकर्ताओं के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि उनकी मां जीवित हैं। याची ने बताया कि कई मामलों में ऐसे आवेदकों को अतिरिक्त अंकों का लाभ दिया गया है जिनकी मां जीवित हैं। हाईकोर्ट ने आयोग से कई सवाल पूछे थे और केस का रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया था।
बार-बार के आदेश के बावजूद जब रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया तो हाईकोर्ट ने सरकार को इस पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि अब आयोग के चेयरमैन व सचिव को ही पेश होकर इस पर जवाब देना होगा। इस पर सरकारी वकील ने कोर्ट को विश्वास दिलाया कि कोर्ट की कार्रवाई समाप्त होने से पहले रिकॉर्ड पेश कर दिया जाएगा। जब शाम करीब चार बजे तक रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया तो हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि गुरुवार को सुबह 10 बजे आयोग के चेयरमैन और सचिव खुद पेश होकर जवाब दाखिल करें। खास तौर पर उन आवेदकों से जुड़ा रिकॉर्ड पेश करना होगा जिनकी मां जीवित हैं और उन्हें अतिरिक्त अंकों का लाभ दिया गया है।