
आरोपी दीपक। दीपक द्वारा घर में ही खोला गया सीएससी सेंटर।
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हरियाणा में पलवल में केंद्रीय विद्यालय की ऑनलाइन प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में हैकिंग के माध्यम से पेपर सॉल्व करते पकड़ा गया जींद के ईगराह गांव निवासी दीपक सीएससी (अटल सेवा केंद्र) की आड़ में सॉल्व पेपर गिरोह से जुड़ा था। दीपक कंप्यूटर साइंस से बीएससी पास है और उसने घर में ही सीएससी सेंटर खोला हुआ है और करीब आठ साल से इसे चला रहा है।
वह पांच दिन पहले केवीएस प्राथमिक शिक्षक भर्ती की परीक्षा देने के लिए दिल्ली गया था। दीपक सीएससी के माध्यम से संपर्क में आने वाले युवाओं को स्थाई भर्तियों में नौकरी लगाने का झांसा देता था। उसके बाद युवाओं को नौकरी लगवाने के लिए पेपर सॉल्व गिरोह के सरगना पलवल के मोहन नगर निवासी चितरंजन शर्मा के साथ पैसों की साठगांठ करता था। हालांकि यह जांच का विषय है कि दीपक के संपर्क में कितने युवा आए और किन-किन युवाओं से दीपक ने नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे लिए हैं।
शनिवार को एसटीएफ की वाराणसी सहित अन्य इकाइयों ने जिला पलवल से केंद्रीय विद्यालयों की ऑनलाइन प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर सॉल्व कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। एसटीएफ ने गिरोह के सरगना के साथ ही 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के पास से 17 लैपटॉप, 13 सीपीयू, 24 मोबाइल फोन, तीन इंटरनेट राउटर, एक प्रॉक्सी सर्वर, एक प्रिंटर, दो एटीएम कार्ड और पांच एडमिट कार्ड बरामद हुए थे। आरोपियों ने सुनियोजित ढंग से कुछ परीक्षार्थियों को आवंटित कंप्यूटर कोड को लोकल एरिया नेटवर्क और प्रॉक्सी सर्वर के माध्यम से पलवल और प्रयागराज में बैठे सॉल्वर तक पहुंचाया था और फिर सॉल्वरों की मदद से प्रश्न हल कराए गए थे।
जींद में कार्यरत गैंगमैन का भी नाम आया था सामने
10 दिन पहले जींद में कार्यरत रेलवे गैंगमैन कपिल का नाम भी समालखा में केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा का पेपर हल करने के मामले में सामने आया था। कपिल पर वर्ष 2020 में रेलवे की ग्रुप डी की भर्ती में नकल करवाने के आरोप हैं, जिसकी रेलवे के सीएसआई के पास जांच चल रही है।
जांच अटकने का कारण मामला अदालत में विचाराधीन होना है। अदालत का फैसला आते ही रेलवे की जांच भी पूरी हो जाएगी, फिलहाल कपिल ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। कपिल को ड्यूटी पर आए 50 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। ड्यूटी पर लौटते ही कपिल पर रेलवे एफएसई (रेलवे नियम) के तहत कार्रवाई करेगा।
पेपर लीक के हर मामलों से जुड़ता रहा है जींद का नाम
केंद्र या हरियाणा की स्थाई भर्ती हो। हर पेपर लीक मामला जींद से जुड़ा होता है। पेपर सॉल्व मामलों के गिरोह में जींद के युवा भी जुड़े मिलते हैं। यह ‘खेल’ करीब सात साल पहले एचटेट की परीक्षा के दौरान शुरू हुआ था। 2015 में एचटेट की परीक्षा चल रही थी। जींद शहर में कार में सवार कुछ लोगों से एचटेट परीक्षा के प्रश्नपत्र की आंसर-की मिली थी। दो वर्ष पहले हुई ग्राम सचिव की परीक्षा के दौरान भी एक युवती आंसर-की के साथ पकड़ी गई थी।
दिल्ली कोर्ट भर्ती में जींद के काकड़ौद गांव में मोबाइल फोन व ब्लू टूथ से परीक्षा करवाते जींद के तीन युवा पकड़े गए थे। पांच साल पहले लखनऊ में इलाहाबाद हाईकोर्ट के असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर (एआरओ) की परीक्षा में हरियाणा का सॉल्वर गैंग पकड़ा गया था। इसमें जींद के चार युवक शामिल थे। चार साल पहले हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की क्लर्क भर्ती परीक्षा लीक में भी जींद के युवकों का नाम सामने आया था।
फर्जी बीमा बनाने में जेल जा चुका है आरोपी
आरोपी दीपक कैंसर पीड़ितों के फर्जी बीमा बनाने के मामले में जेल जा चुका है। करीब पांच महीने पहले उस पर सदर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था, जिस पर पुलिस ने दीपक को जिला जेल भेज दिया था। वह करीब तीन महीने जेल में रहा और दो महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया था। आरोपी अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर कैंसर पीड़ितों के बड़ी रकम के फर्जी बीमे बनाता था। एलआईसी में बीमा करते समय वह कैंसर पीड़ित की जगह किसी अन्य को दिखा देता था। बीमारी के कारण कैंसर पीड़ित की मौत हो जाती थी। इसके बाद कंपनी से बीमा की राशि ले ली जाती थी।
पेपर सॉल्व गिरोह से जुड़े मामले से संबंधित सूचना अभी तक उनके पास नहीं आई है। यदि उनके पास जांच के बारे कोई मामला आता है तो उसकी जांच करवाई जाएगी। -दिनेश कुमार, प्रभारी, सदर थाना जींद।