Jind: HSGPC ने संभाली गुरुद्वारा गुरुतेग बहादुर की कमान, गुल्लक को कटर से कटवाकर नया ताला लगवाया


गुरुघर में अरदास करते एडहॉक कमेटी सदस्य व अन्य सेवादार।

गुरुघर में अरदास करते एडहॉक कमेटी सदस्य व अन्य सेवादार।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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हरियाणा सरकार की ओर से गुरुद्वारों के रखरखाव के लिए बनाई गई एडहॉक कमेटी सोमवार को जींद के ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरुतेग बहादुर साहिब पहुंची और यहां की सेवा को संभाल लिया। गुल्लक को कटर से कटवाया गया और ताला भी खुलवाया गया। इस दौरान कमेटी ने गुरुद्वारे का प्रबंधन संभाल रही कमेटी को आश्वास्त किया कि गुरु के घर पर सभी का समान अधिकार है।

माननीय न्यायालय के आदेशों पर ही कार्रवाई की जा रही है। जो आदेश अदालत द्वारा दिए गए हैं, उसी के आधार पर हरियाणा में गुरुद्वारों की सेवा ली जा रही है। सेवा लेने की इस कार्रवाई से पहले ही जिला प्रशासन व खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई थीं और कोई विवाद नहीं हो, इसके लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तहसीलदार अजय सैनी को तैनात किया गया साथ ही नगराधीश अमित कुमार, शहर थाना प्रभारी विरेंद्र सिंह पुलिसबल के साथ मौके पर मौजूद रहे। सेवा लेने के बाद कमेटी वापस लौट गई। वहीं कमेटी ने जींद की सदस्य बीबी परमिंद्र को जींद के गुरुद्वारों के रखरखाव व प्रबंधन की जिम्मेदार सौंप दी।

रानी तालाब स्थित गुरुद्वारा गुरुतेग बहादुर साहिब में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) प्रधान कर्मजीत सिंह यमुनानगर, पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादुवाला, महासचिव गुरविंदर सिंह करनाल लगभग दो बजे पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने गुरुघर में माथा टेका और अरदास की।

इसके बाद वहां बैठी संगत के बीच माइक से गुरुद्वारा प्रबंधन की कमान संभालने का एलान किया। महंत ने गुरुद्वारा कर्मियों के साथ बातचीत की। महंत कर्मजीत सिंह ने गुरुद्वारा प्रबंधन को नियमानुसार अपने हाथ में लेने के साथ ही सभी कार्यरत कर्मियों को आश्वस्त किया कि उन्हें हटाया नहीं जाएगा, बल्कि उनकी और संगत की बेहतरी के लिए कार्य किया जाएगा।

कमेटी कानूनी दायरे में रहकर करेगी सेवा

प्रधान कर्मजीत सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को गुरुद्वारों के प्रबंधन के आदेश दिए हैं। यह आदेश सरकार की ओर से बनाई गई एडहॉक कमेटी के लिए हैं। कमेटी ने कानूनी दायरे में रहकर आज प्रबंधन संभाला है। उन्होंने झींडा के साथ ही बलजीत सिंह दादूवाल और दीदार सिंह नलवी से भी सिखों की भलाई के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वह कमेटी के चुनाव कराए जाने तक एडहॉक कमेटी के तौर पर गुरुघरों का सही प्रबंधन करना चाहते हैं। हरियाणा और पंजाब जब अलग हुए थे तो समझौता हुआ था कि हरियाणा के गुरुद्वारों का अलग प्रबंधन होगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद हरियाणा के सिखों को एसजीपीसी ने उनका हक नहीं दिया। हरियाणा प्रदेश में कुल 52 गुरुघर हैं। इसका न्यायालय के निर्देशानुसार ही प्रबंधन संभाला जा रहा है।

नहीं हटाएंगे कर्मचारी, होगा विकास : बीबी परमिंद्र कौर

कमेटी सदस्य बीबी परमिंद्र कौर ने कहा कि गुरुद्वारे से किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। उनके लिए बेहतर कार्य किया जाएगा। उनके बच्चों को शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उनके लिए कोचिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। गुरुद्वारों में डिस्पेंसरी व लैब खोली जाएंगी। जहां न्यूनतम कीमत पर सेवाएं मिल सकेंगी। हर हाल में गुरुद्वारों का विकास करवाना ही प्रबंधन कमेटी का लक्ष्य व उद्देश्य है। अगर कोई कर्मचारी जाना चाहता है तो वह उसकी मर्जी होगी। गुरुद्वारा के रखरखाव, प्रबंधन व संभाल को लेकर जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है, उस पर वह खरा उतरने का काम करेंगी।



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