
हरियाणा-पंजाब में मौसम।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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हरियाणा के रेवाड़ी में फरवरी के 20वें दिन मौसम में बदलाव के कारण दिन के तापमान ने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिन का तापमान 33 डिग्री तक जा चला गया है। इससे पहले आज ही के दिन फरवरी में दिन का तापमान 2017 में 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इससे गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
जिले में शुक्रवार को दिन का तापमान 30.5 डिग्री तक पहुंच गया और रात का तापमान भी 11 डिग्री दर्ज किया गया। इससे शनिवार की सुबह सड़कों पर कोहरा छाया रहा। सुबह व दिन के तापमान में डेढ़-डेढ़ डिग्री की गिरावट देखने को मिली थी। रविवार को दिन का तापमान ढाई डिग्री बढ़कर 31.5 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि रात के तापमान में कोई भी बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई। सोमवार को अधिकतम तापमान में डेढ़ डिग्री बढ़कर 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान भी डेढ़ डिग्री बढ़कर 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
21 के बाद हवा की प्रक्रिया में होगा बदलाव
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार उत्तरी अरब सागर व आसपास के गुजरात और पश्चिमी राजस्थान के क्षेत्र के ऊपर एक प्रति चक्रवातीय तंत्र विकसित होने से उत्तरी पश्चिमी विक्षोभ मौसम प्रणाली भी कमजोर हो रही है। उनका प्रभाव भी कम हो रहा है। इसकी वजह तापमान में एकाएक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रति चक्रवातीय तंत्र का असर अभी भी अगले दो दिनों तक बना रहेगा।
21 फरवरी को जैसे ही वर्तमान मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगी, जिसकी वजह से वायु तंत्र (विंड पैटर्न) में बदलाव यानी उत्तरी पश्चिमी ठंडी हवाओं से एक बार फिर से मैदानी इलाकों में तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना बन रही है। आगामी दिनों में राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा। केवल मौसम और तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
जमीन में नमी बनाए रखें, कम होगा नुकसान : डॉ. जसविंद्र सिंह
तापमान बढ़ने के कारण गेहूं और सरसों दोनों फसलों में नुकसान हो सकता है। तापमान अधिक होने से फसलों की वृद्धि रुक जाएगी और बालियों में दाना अच्छे से नहीं बन पाएगा। इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। ऐसे में किसान फसलों में सुबह व शाम सिंचाई करें। ताकि जमीन में नमी बनी रहे। ऐसा होने से नुकसान कम होगा। – डॉ. जसविंद्र सिंह, उप निदेशक, कृषि विभाग
पिछले 12 सालों का तापमान
वर्ष अधिकतम न्यूनतम
- 2012 24.0 5.5
- 2013 22.5 6.5
- 2014 24.0 3.5
- 2015 30.0 15.5
- 2016 26.8 17.0
- 2017 31.0 13.0
- 2018 29.0 6.4
- 2019 19.0 13.0
- 2020 26.0 10.5
- 2021 28.5 7.0
- 2022 24.5 6.8