Two young men and women ran away with gold jewelery and cash on the pretext

Sonypat News: गुणवत्ता के पैमाने पर खरी नहीं उतरी मेडेन फार्मा, कंपनी के निदेशक और तकनीकी निदेशक को सालों का रिकॉर्ड


सोनीपत। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. संजीव आर्य की अदालत ने मेडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, सर्पिल के निदेशक और तकनीकी निदेशक को निम्न स्तर की रैनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट बीपी (मांटेक-150) की गुणवत्ता में कमी के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों दोषियों को छत-ढाई साल कैद की सजा सुनाई है। उसी के साथ दोषियों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न देने पर चार-चार माह का अतिरिक्त दंड दिया जाएगा।

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) नॉर्थ जोन, गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर दिनेश कुमार और सोनीपत के मामले ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी प्रवीण कुमार ने 13 मार्च 2014 को चक्कर में मेडेन फार्मा के परिसर का दौरा किया था। उन्होंने कंपनी के फिनिश्ड गुड्स स्टोर से रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट बीपी (मांटेक-150) के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे थे। रेजनल ब्यूरो टेस्टिंग लेबोरेटरी चंडीगढ़ में ये नमूने जांचे गए।

अदालत को बताया गया है कि 8 अगस्त, 2014 को अपर टीएल की रिपोर्ट में सैंपल ड्रग एंड कॉस्मेटिक मैटेरियल्स एक्ट, 1940 में मानक गुणवत्ता का नहीं था, सैंपल एबीएस कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा भेजे गए पत्रों में दिए गए मानदंडों के अनुसार नहीं है। ऐसे में फर्म के निदेशक नरेश कुमार गोयल और तकनीकी निदेशक एमके शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के तहत मामला दर्ज कर सुनवाई शुरू की गई। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. संजीव आर्य की अदालत ने नरेश कुमार गोयल और एमके शर्मा को उच्चतम स्तर रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट बीपी (मांटेक-150) के मामले में दोषी करार दिया है। 22 जुलाई को ब्रोकरेज को सजा सुनाई गई।

गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद चर्चा में आई थी कंपनी

सोनीपत के सर्पिल स्थित मेडेन फार्मा दवा कंपनी एक अन्य मामले में काफी चर्चा में है। अफ्रीकी देश गाम्बिया में कथित रूप से 66 बच्चों की मौत के मामले में भी कंपनी का नाम अवैध था। निम्न गुणवत्ता की दवा एक्सपोर्ट करने के आरोप में जांच जारी है।

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