फोटो 19- न्यू लाइफ नगर में स्कूल के सामने एक साथ अभिभावक रोष व्यक्त करते हुए। बातचीत
सोनीपत। न्यू लाइफ नगर स्थित द्रोण विद्यापीठ स्कूल प्रबंधन ने नौकरी पेशा जमा नहीं करने पर पहली से 9वीं कक्षा तक के छात्रों को वार्षिक परीक्षा देने से रोक दिया। इससे नाराज होकर मंगलवार को स्कूल पहुंचने वाले मैनेजर के खिलाफ प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि निर्णय सत्र की पूरी तरह से भुगतान कर दिया है। केवल कोरोना काल का ही कुछ सब्सक्राइब करें। उसे भी देने से कभी इनकार नहीं किया। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया। जबकि तीन दिनों से वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। नौकरीपेशा ने कहा कि उसने नौकरी खोली धीरे-धीरे गिरने की बात कही, फिर भी बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया। बाद में अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर शिकायत देने वाले बच्चों की परीक्षा दिलवाने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में सुनील वर्मा, गौरव वर्मा, विनोद कुमार, नया वर्मा, ललित वर्मा, तरुण, सपना, धर्मबीर, प्रेम सिंह चौहान सहित अन्य अभिभावक मौजूद हैं।
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पैसे जाम पर भी नहीं दे रहे पेपर
मैं विधवा, मुश्किल से घर का गुजारा चला रहा हूं। मेरे तीन बच्चे स्कूल में पहली, तीसरी और पांचवीं कक्षा में सामान्य हैं। मैं तीन दिन पहले ही स्कूल में 10 हजार रुपये जमा करवाए हैं। बावजूद इसके बच्चों को पेपर नहीं दे रहे हैं। सब्सक्रिप्शन लें तो बार-बार फोन करें, अब हमारे फोन तक नहीं आते। जो सब्सक्राइब करता है, वह भी धीरे-धीरे गिरेगा, लेकिन बच्चों के पेपर के लिए जाएं। -सपना, द गार्जियन
एक साथ मांग रहे सारे पैसे
हमारे चार बच्चों के स्कूल में अहमियत रखते हैं। चालू सत्र की पूरी तरह से भुगतान किया है। कोरोना काल के समय की रिकॉर्डिंग। दो दिन पहले ही 10 हजार रुपये सागर करवाए थे। पैसे लेने के बाद कहा कि पूरे पैसे जमा करवाओ, तब परीक्षा देना। प्रशासन से मांग है कि बच्चों के कागज दिलवाएं, पाठ्यक्रम का भी भुगतान धीरे-धीरे कर देंगे। -आशा, द गार्जियन
सब्सक्राइबर के लिए बच्चों को परेशान किया जा रहा है
स्कूल प्रबंधन की तरफ से लाइसेंस को लेकर बच्चों को परेशान किया जा रहा है। परीक्षा में बैठने नहीं देने पर बच्चा मानसिक रूप से परेशान होता है। स्कूल प्रबंधन ने पहले 10 हजार रुपए सागर करवा के लिए फिर भी बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठे रहे, कहें पहले पूर्ण लाइसेंस सागर करवाओ। जबकि अभिभावक इस वर्ष का संपूर्ण पाठ्यक्रम का भुगतान कर चुके हैं। केवल कोरोना काल का शेष है। -प्रेम चौहान, द गार्जियन
स्कूल में तो आ गए, लेकिन किसी से बात नहीं की
-मेरे दो बच्चे स्कूल में हैं। कोरोना काल के समय की कुछ छूट है, जो धीरे-धीरे भर जाएगी। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के पेपर लेने से मना कर दिया है। कहते हैं पहले पूरी तरह जीसस का भुगतान करो, जबकि इस साल की पूरी जिंस का भुगतान कर दिया जाता है। आज स्कूल में आए थे, लेकिन प्राचार्य ने बात नहीं की और स्कूल से निकल गए। हमारी मांग है कि बच्चों के पेपर दिलवाए जाएं। -गौरव वर्मा, द गार्जियन
संस्करण
स्काइप के भुगतान के लिए काम को शुरू से ही बोल रहे हैं। सटीक के पास फ़ोन किए जा रहे हैं। कई अभिभावक तो फ़ोन तक नहीं गरजते। एक फरवरी से प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। ठीक को पता था कि बच्चे को फॉर्म कार्ड नहीं मिला, फिर भी पाठ्यक्रम का भुगतान नहीं किया। दो साल का स्काइप है। पहले किसी की परीक्षा नहीं रोकें। साल की शुरुआत में भी सब्सक्रिप्शन का भुगतान करने को कहा गया था, लेकिन करवाई नहीं। जिसके बाद ठोस फैसला लेना पड़ा। अब भी अगर अभिभावक 5 मार्च तक शिक्षक का भुगतान करते हैं या क्षति पहुंचाते हैं तो बच्चे कमजोर हो जाते हैं। जो पेपर निकल गए हैं, वो भी लिए जाएंगे। -हेमंत, प्रबंधक, द्रोण विद्यापीठ
फोटो 19- न्यू लाइफ नगर में स्कूल के सामने एक साथ अभिभावक रोष व्यक्त करते हुए। बातचीत
फोटो 19- न्यू लाइफ नगर में स्कूल के सामने एक साथ अभिभावक रोष व्यक्त करते हुए। बातचीत
फोटो 19- न्यू लाइफ नगर में स्कूल के सामने एक साथ अभिभावक रोष व्यक्त करते हुए। बातचीत
फोटो 19- न्यू लाइफ नगर में स्कूल के सामने एक साथ अभिभावक रोष व्यक्त करते हुए। बातचीत
फोटो 19- न्यू लाइफ नगर में स्कूल के सामने एक साथ अभिभावक रोष व्यक्त करते हुए। बातचीत
फोटो 19- न्यू लाइफ नगर में स्कूल के सामने एक साथ अभिभावक रोष व्यक्त करते हुए। बातचीत